ऋषि /researchers

कथाओं के अनुसार ऋषि -मुनि जंगलों में तपस्या ,यज्ञ , हवन करते थे । सत्य यह है कि यह ऋषि मुनि अनुसंधानकर्ता ,वैज्ञानिक होते थे जो अपने आश्रमों में प्रयोगात्मक कार्य करते रहते थे आज हम आपको ऐसे ही ऋषि मुनियों के बारे में बताएंगे  –

ऋषि /researchers
    1.  आचार्य कणाद- इन्हें परमाणु शास्त्र के जनक माना जाता है। हजारों साल पहले ही इन्होंने सिद्ध कर दिया था कि प्रत्येक द्रव्य(matter) अणु (atom) से बना है।
    2.  भास्कराचार्य – इन्होंने अपने ग्रंथ “सिद्धांतशिरोमणि ” में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण शक्ति का वर्णन किया था।
    3. आचार्य चरक- इन्होंने महत्वपूर्ण आयुर्वेद ग्रंथ “चरक संहिता ” में शरीर विज्ञान, गर्भ विज्ञान , असाध्य रोगों के इलाज व बचाव का वर्णन किया था।
    4.  विश्वामित्र- यह ब्रह्म ऋषि “गायत्री मंत्र ” के दृष्टा माने जाते हैं। इन्होंने ध्वनि तरंगों(sound therapy) का मन व मस्तिष्क पर प्रभाव दर्शाया था ।
    5. गर्ग मुनि- यह ऋषि नक्षत्र व खगोल विज्ञान के ज्ञाता थे। इन्होंने कृष्ण, बलराम का जन्म। महाभारत युद्ध व उसका परिणाम पहले ही बता दिया था।
    6. महर्षि कपिल-यह सांख्य दर्शन(numerology) के ज्ञाता व सूत्रों(formule) के रचयिता थे। इन्होंने चेतना, त्रिगुणात्मक प्रकृति(3- dimension) के विषय में महत्वपूर्ण सूत्र दिए।
    7. पतंजलि- “योग शास्त्र  ” के रचयिता थे। सभी बीमारियों की रोकथाम के लिए योग और  योग मुद्राओं का महत्व बताया।
    8. बोद्वयन- त्रिकोणमितिय(trigonometry) रचना पद्धति इन्हीं की खोज है। इन्हें त्रिकोणमितिज्ञ के रूप में भी जाना जाता है। इन्होंने कई प्रमेय  (theorem) सिद्ध की है।
    9.  महर्षि सुश्रुत- इन्हें दुनिया का पहला शल्य चिकित्सक(surgeon) माना जाता है। इनके द्वारा लिखी पुस्तक “सुश्रुतसंहिता ” शल्य चिकित्सा की संपूर्ण जानकारी देती है। यह मोतियाबिंद ,पथरी ,हड्डी टूटना, तथा त्वजारोपण(plastic surgery) जैसे जटिल शल्य चिकित्सा भी करते थे ।
    10.  आर्यभट्ट- इन्होंने अंकगणित ,रेखा गणित(geometry), बीजगणित (algebra)आदि विषयों में कई सूत्रों का निर्माण किया साथ ही वर्ग ,वर्गमूल (square root) घन, घनमूल(cube root)  आदि के सूत्र भी दिए ।शून्य की खोजकृर्ता यही महान  गणितज्ञ थे।
    11. वराहमिहिर-  इन्होंने पंचसिद्धांतिका ,बृहत्संहिता, वृहज्जातक और लघुजातक  ग्रंथों की रचना की ।इनमें इन्होंने ब्रह्मांड की रचना ,आकर्षण शक्ति ,पृथ्वी का अक्ष(axis) भ्रमण का वर्णन किया है।
    12. धनवंतरी- इनका ग्रंथ “धन्वंतरि संहिता  “ आयुर्वेद शल्य चिकित्सका का अनुपम उदाहरण है।
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