तबलीगी जमात-परिचय

  1. तबलीगी जमात विश्व में सुन्नी इस्लामिक धर्म प्रचार के लिए चलाया गया एक आंदोलन है।
  2. इस आंदोलन की शुरुआत 1927 में मोहम्मद इलियास ने भारत में शुरू की थी । मोहम्मद इलियास का जन्म मुजफ्फरनगर जिले के कांधला गांव में 1885-86 ईसवी में हुआ था।
  3. इसका उद्देश्य इस्लामिक धर्म का प्रचार-प्रसार करना है।
  4. विश्व के लगभग 100 से भी अधिक देशों में यह जमात काम करती है। लगभग 20 साल के अंदर ही यह जमात दूर-दूर तक फैल गई।
  5. भारत विभाजन के बाद तबलीगी की मेन ब्रांच पाकिस्तान के लाहौर में बना दी गई।
  6. जमात का अर्थ है किसी खास मकसद से इकट्ठा होना ।यात्रा के दौरान मरकज के लोग पूरी तरह से समर्पित होते हैं , इनका सगे संबंधियों से कोई संबंध नहीं होता।
  7. जमात के मुाखिया को अमीरे  ए जमात कहा जाता है।
  8. मरकज का अर्थ -तबगीली जमात के लोगों के बड़े-बड़े शहरों में सेंट्रल होते हैं , जहां पर यह इकट्टा होते हैं। उसी के सेंटर/केंद्र को मरकज कहा जाता है।
  9. जमात से जुड़े हुए लोग एक निश्चित अवधि के लिए ही जमात से जुड़ते हैं । 3 दिन के लिए, 40 दिन के लिए, 4 महीने के लिए कोई साल भर के लिए ही इसमें शामिल होता है। इस अवधि के समाप्त होने पर यह लोग अपने घर लौट जाते हैं।
  10. जमात के 6 नियम– पहला ईमान पर भरोसा ,दूसरा नमाज पढ़ना ,तीसरा धर्म से संबंधित बातें करना ,चौथा एक दूसरे का सम्मान करना , मदद करना ,पांचवा नियत को साफ रखना ,छटा रोजाना के कामों से दूर होना।
  11. तबलीगी जमात के लोग विभिन्न देशों में जाते हैं और वहां के मस्जिदों में रुकते हैं वहां के मुसलमानों को धार्मिक प्रवचन देते हैं। जमात के लोग इस्लाम के कानून शरिया, रोजा रखना ,हज करना आदि के विषय में लोगों को प्रेरित करते हैं।
  12. जमात के लोग सुन्नी मुसलमान होते हैं । अतः यह शिया ,सूफी और मजारों में जाने वाले मुसलमानों को पसंद नहीं करते।
उम्मीद है कि यह जानकारी आपको रुचिकर लगी होगी।
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