इब्नबतूता-घोंसले से निकला पक्षी

Ibn Battuta/इब्नबतूता

1. इबन बतूता को विश्व यात्री और हठीला यात्री कहां जाता था क्योंकि शायद यही यात्री है जिसने 75000 मील की यात्रा की थी ।

2. इनका जन्म अफ्रीका के मोरक्को तैजियर शहर में एक धनी वे शिक्षित परिवार में हुआ ,जो इस्लामी कानून और शरिया के विशेषज्ञ माने जाते थे।

3. इब्नबतूता का पूरा नाम मोहम्मद बिन अब्दुल्ला इब्न बबूता था इन्होंने साहित्यिक तथा शास्त्र रूढ़ शिक्षा हासिल की वह इस्लामिक कानून और शरिया के ज्ञाता थे।

4. 21 वर्ष (1325ई ) की कम आयु में ही यह अकेले ही घर से हज के लिए मक्का  चल पड़े।

5. 1325 से 1332 तक मक्का, सीरिया ,इराक ,फारस, यमन ओमान तथा पूर्वी अफ्रीका के कई प्रदेशों की यात्रा की वह यात्रा के बहुत ही शौकीन थे और नई जानकारी के लिए उत्सुक रहते थे।

6. भारत यात्रा -यह भारत के सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक का नाम सुनकर उनके दरबार में आए इनके ज्ञान से प्रभावित होकर सुल्तान ने इन्हें काजी या न्यायाधीश नियुक्त किया।

7. दिल्ली में यह एक धनी प्रभावशाली लोगों की तरह रहते थे, इनके बहुत सारे नौकर चाकर थे और एक बड़ा हरम था।

8. कारागार यात्रा -दिल्ली के सुल्तान का विश्वास खोने पर इन्हें कारागार में कैद कर लिया गया ,पर बाद में गलतफहमी दूर होने पर उन्हें पुनः काजी का पद दे दिया गया।

9. दिल्ली के सुल्तान के आदेश पर ही यह  चीन की यात्रा के लिए निकले इसके लिए यह मालाबार, श्रीलंका, सुमात्रा से होते हुए चीन बीजिंग तक गए।

10.1347 ई मैं इन्होंने घर जाने का निश्चय किया 1354 तक यह मोरक्कोपहुंचे इस प्रकार 30 वर्ष का इनका यात्रा जीवन रहा।

11. रिहला अरबी भाषा में लिखा इब्नबतूता का यात्रा वृतांत है। रिहला का अर्थ घोसले से निकलता पक्षी है।

12. शासक के आदेश पर इब्न जुजाई ने इब्नबतूता के यात्रा का वर्णन लिखा जो आज भी विश्व को प्रेरणा देने का स्रोत है।

13. इस यात्रा वृत्तांत में उन्होंने नई संस्कृतियो , लोगो , आस्थाओ, मान्यताएं ,सामाजिक ,आर्थिक राजनीतिक जीवन का वर्णन किया है  साथ ही साथ अपनी  छोटी मोटी घटनाएं खट्टे मीठे अनुभव रास्ते में होने वाली समस्याएं वह कितने समय में कितनी यात्रा की यात्रा दूरी  को कुशलता पूर्वक दर्ज करवाया है।

यह थे इस महान यात्री के कुछ रोचक तथ्य ,रोचक जानकारी उम्मीद है आपको अच्छे लगे होंगे।

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