पौराणिक भी – वैज्ञानिक भी

हमारे पुराणों में लिखी बातों को धार्मिक बातें समझ कर छोड़ दिया गया था ।आज उनका वैज्ञानिक रूप सिद्ध हो गया है। आइए ऐसी ही कुछ जानकारी प्राप्त करें –
पौराणिक – वैज्ञानिक
  1.  क्रिया-प्रतिक्रिया नियम (Newton 3rd law)- यह सिद्ध करता है कि जिस वेग से  क्रिया की जाती है, उसी वेग से प्रतिक्रिया होती है।  हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार जैसा कर्म वैसा ही फल प्राप्त होता हैं। इसे कर्म का सिद्धांत कहां जाता है।Karmic theory इसी पर आधारित है।
  2. ऊर्जा संरक्षण का नियम (Law of conservation of energy)- इस नियम के अनुसार शक्ति  को बनाया, घटाया ,या खत्म नहीं किया जा सकता। शक्ति अपना रूप बदल लेती है ।इसी प्रकार हमारे धर्म शास्त्रों में आत्मा अजर अमर है। वह अपना शरीर बदल लेती है।
  3. आकर्षण बल (Force of attraction) जिस प्रकार चुंबकीय बल, नाभिकीय  बल , गुरुत्वाकर्षण  बल विज्ञान के आधारशिला है। उसी प्रकार  विचारों का बल भी होता है। सकारात्मक विचार जीवन में स्वास्थ्य ,सुख- सुविधा लाते हैं। वही नकारात्मक विचार दुर्भाग्य लाते हैं। यह वैज्ञानिक तथ्य सिद्ध हो चुका है।
  4. गाय पूजा योग्य-यह एक सनातन सत्य है की गौ हत्या पाप के तुल्य हैं । उसे खाने वाला तो शायद राक्षस तुल्य है, क्योंकि गाय ऐसा प्राणी है, जो भावनात्मक रूप से मनुष्य से भी ज्यादा संवेदनशील है । इसलिए इसे देव तुल्य माना जाता है।  वैज्ञानिक आधार पर ऐसे जीव को खाना ,जो हमारे जितना भावनात्मक हो शरीर में जहरीला(toxic) तत्व बनाते हैं साथ ही मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक शक्ति से भी कमजोर करते हैं।
  5.  जीवित नदी गंगा -आपको जानकर हैरानी होगी कि वैज्ञानिक रूप से यह माना गया है की गंगा एक जीवित नदी है इसका कारण है यहां पर अस्थियों का विसर्जन दूध, दही, कभी-कभी शव भी नदी में डालना ।जिस वजह से यहां पर माइक्रो ऑपरेशन ऑग्रेज्म बनते रहते है जो किसी अन्य नदियों में नहीं पाए जाते।
  6. कुंभ स्नान -विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथों, पुराणों में इस स्नान का वर्णन है। नासा(NASA) के वैज्ञानिको के अनुसार सूर्य, चंद्रमा, शनि और गुरु  ग्रहो की स्थिति के कारण कॉस्मिक ऊर्जाऍ बढ़ जाती है। जो पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। ऐसे में कुछ  निश्चित स्थानों पर स्नान करने से शरीर के लौह तत्व(लाल रक्त कण/hemoglobin) प्रभाव में आते हैं और जीवन में कल्याणकारी परिवर्तन लाते हैं।

वेदो , पुराणों और उपनिषदों मे लिखे इसी प्रकार के वैज्ञानिक तथ्यों को हम आपके सामने प्रस्तुत करते रहेंगे। धन्यवाद।

सामान्य जानकारी