क्रोध और नफरत यह दोनों भावनाएं ही नकारात्मक (निराशावादी ) ऊर्जा का स्रोत है। जब किसी ओर की गलती की सजा, स्वयं को देनी हो तो क्रोध किया जाता है। इसी प्रकार जब व्यक्ति अपने अहम( घमंड) का युद्ध हार जाता है तो वह अपने प्रतिद्वंदी से नफरत करता है। इन दोनों का प्रभाव मन, मस्तिष्क और शरीर पर विनाशकारी होता है।