क्रोध और नफरत यह दोनों भावनाएं ही नकारात्मक (निराशावादी ) ऊर्जा का स्रोत है। जब किसी ओर की गलती की सजा, स्वयं को देनी हो तो क्रोध किया जाता है। इसी प्रकार जब व्यक्ति अपने अहम( घमंड) का युद्ध हार जाता है तो वह अपने प्रतिद्वंदी से नफरत करता है। इन दोनों का प्रभाव मन, मस्तिष्क और शरीर पर विनाशकारी होता है।
शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक सोच का प्रभाव – तनाव, चिंता, डर, क्रोध, नफरत मे एड्रेनल ग्रंथियों और न्यूरॉन्स द्वारा एड्रेनालाईन हार्मोन का स्राव होता है। इस हार्मोन को ‘ फाइट -या – फ्लाइट ‘ हार्मोन भी कहते हैं। यदि किस हार्मोन का स्राव ज्यादा हो तो हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालता है। इसके कारण सिर दर्द ,पेट दर्द, घबराहट, हाथ पैर में कंपन, निराशावादी विचार, उच्च रक्तचाप, त्वचा रोग एक्जिमा, हृदय रोग और भावनात्मक रूप से व्यक्ति कमजोर होता जाता है। अतः हम कह सकते हैं कि क्रोध और नफरत हमारा मानसिक , शारीरिक, सामाजिक व आर्थिक हर तरह के पतन का एक प्रमुख कारण बन सकता है , इसलिए इसका इलाज करें या करवाएं। अपने जीवन को शांत, सुखमय बनाएं।