मानसिक स्वास्थ्य तथा भावनात्मक स्वास्थ्य में अंतर

मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक विचार अचूक औषधि की तरह कार्य करते हैं ।दोनों ही प्रकार के  रोगों का मूल कारण नकारात्मक ,हिंसात्मक, निराशावादी , ईर्ष्या युक्त व्यक्तित्व होता है। अतः मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए हमें ध्यान ,धर्म , धारणा , अध्यात्मिक , मानसिक और बौद्धिक उत्थान के लिए  प्रयत्नशील रहना चाहिए।

मानसिक स्वास्थ्य तथा भावनात्मक स्वास्थ्य(infographic)
मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक स्वास्थ्य व्यक्ति के व्यक्तित्व को दर्शाता है।मानसिक स्वास्थ्य जहां उसके बौद्धिक क्षमता और निर्णायक क्षमता को प्रभावित करते हैं वही भावनात्मक स्वास्थ्य व्यक्ति की भावना को प्रभावित करते हैं।जिससे उसमें आत्मविश्वास ,आत्मबल की कमी हो जाती है। मानसिक अस्वस्थता का प्रमुख कारण तनाव, अहंकार, आत्म हीनता आदि होते हैं। भावनात्मक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति क्रोध, अवसाद, आवेश जैसे भावों को नियंत्रित नहीं कर पाते।
मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के प्रति सजक रहकर योग, ध्यान, मनोरंजन, सहयोग, मित्रता, के लिए उचित समय निकालना बहुत जरूरी है। साथ ही साथ व्यक्ति को कुछ ऐसे सामाजिक कार्य भी करने चाहिए जिनसे आंतरिक खुशी का अनुभव हो ओर आत्मविश्वास, आत्मबल को शक्ति मिल सके।क्योंकि कहा भी गया है ” मुर्दा वह नहीं जो मर जाता है , मुर्दा वह है जिसका आत्मविश्वास मर जाता है।

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