नयनार और अलवार संतों में अंतर
नयनार (शैव भक्त) और अलवार (वैष्णव भक्त) दोनों ही हिंदू धर्म के देवता शिव और विष्णु के परम उपासक हैं। यह तमिलनाडु में अपने-अपने देवताओं का गुणगान करते हुए भ्रमण किया करते थे। इन्होंने बहुत से…
नयनार (शैव भक्त) और अलवार (वैष्णव भक्त) दोनों ही हिंदू धर्म के देवता शिव और विष्णु के परम उपासक हैं। यह तमिलनाडु में अपने-अपने देवताओं का गुणगान करते हुए भ्रमण किया करते थे। इन्होंने बहुत से…
14 वीं से 17 वीं शताब्दी के बीच का काल भक्ति काल कहलाता है। भक्ति परंपरा को दो मुख्य वर्गों में विभाजित किया गया है- निर्गुण और सगुण। निर्गुण भक्ति और सगुण भक्ति का आधार…
भारतीय परिवेश में मनोरोग एक नया शब्द उभर कर आया है। इससे पहले भारतीय संस्कृति की विरासत , तीज त्यौहार, सामाजिक ढांचा , परिवारिक संबंध इस प्रकार के थे कि मनोरंजन था पर मनोरोग नही।…
चेतन , अवचेतन और अचेतन मन का स्वरूप दार्शनिकों और वैज्ञानिकों के दृष्टिकोण से अलग-अलग है। अतः इस लेख में दोनों के विचारों के आधार पर चेतना के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन किया गया है।…
कबीर संगति साध की, हरै और की व्याधि। संगति बुरी असाध की, आठौं पहर उपाधि।। अर्थ- कबीर जी कहते हैं साधु/ सज्जन व्यक्ति की संगति से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। वही दुर्जन व्यक्ति…
कर्म और कर्तव्य पर आधारित महापुरुषों के दिव्य वचन- कर्म प्राणी अकेला जन्मता है, अकेला मरता है और अपने पाप पुण्य (कर्म) का फल अकेला ही अनुभव करता है।- श्री कृष्ण।कर्म माने प्रत्यक्ष सेवा ,भक्ति माने…
अकेलापन चल अकेला, चल अकेला ,चल अकेला। तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला।। यह पंक्तियां एक गीत की है जिस के भाव अकेलेपन के निराशावादी विचारों को छोड़कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।…
आचरण - मन भर चर्चा से कन भर आचरण अच्छा है।-विनोबा भावे। व्यक्ति का आचरण उसके व्यक्तित्व का दर्पण होते हैं इसीलिए कहा भी गया है , मानव को अपने उन कार्यों से संतोष प्राप्त…
आस्था ,श्रद्धा और विश्वास मन को शक्ति देने वाली औषधियां है। प्रसिद्ध कविता की कुछ पंक्तियां हैं- मन के हारे हार है ,मन के जीते जीत।(द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी) अर्थात जीत -हार , सुख-दुख मन के…
रहिमन निज मन की, बिथा, मन ही राखो गोय। सुनि अठिलैह लोग सब, बाटि न लैहैं न कोय।। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, इस नजरिए से समाज में सुख-दुख जैसे भावों को व्यक्त करना एक…
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