काश..

काश..

काश, ये होता तो मैं यह कर लेता,
काश एक बीज़ हैं, जो बहुत सपनों को जन्म देता है|
बहुत से सपने कश्मकश में पीछे रह जाते हैं,
पर कुछ सपने सोने नहीं देते|
मेहनत, लगन और हमारा दृढ़ निश्चय उन सपनों को नई उड़ान देता है,
और हम मंज़िल की दहलीज़ तक पहुँचते है|

फिर ये काश हमारे मन में खलबली मचाता है,
हमारे सपनों का आधार बनता है, ये “काश” नामक बीज़|
काश कभी-कभी अत्यधिक ख़्वाहिश को भी जन्म देता,
और हम मेहनत छोड़ कर, शॉर्ट-कट अपनाते हैं,
जो हमारे खुशहाल सफर में समस्या पैदा करता है,
और हमारी मंज़िल से भटका देता है|

काश का जादू,अच्छाई की ओर बढ़ता है,
सपनों की दुनिया को हकीकत बनाता है।
काश ही हमारी कल्पनाओ का अंत है,
और काश ही हमारी कल्पनाओ का आरंभ है|
काश ही मनुष्य के जीवन का ईंधन है|

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