मित्रता का पिरामिड (Pyramid)

मित्र का स्थान दुनिया में सबसे ऊंचा स्थान है , क्योंकि रिश्ते नाते तो भगवान बना कर भेजता है परंतु मित्र का चयन हम स्वयं करते हैं। अतः यह  जिम्मेदारी, स्नेह, प्रेम और विश्वास का…

ज्ञान , कौशल और योग्यता में अंतर जानिए

व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए ज्ञान , कौशल और योग्यता इन तीनों गुणों का समावेश होना बहुत जरूरी है।   ज्ञान की कुछ परिभाषाएं - ज्ञान के समान कोई खजाना नहीं है। ज्ञान एक शक्ति…

अंक पाँच का महत्व ( हिन्दू मान्यतानुसार )

पंचतत्व - आकाश , वायु , अग्नि , जल  और पृथ्वी।  पंच देव - सूर्य, शिव , विष्णु , गणेश और शक्ति।पंचकन्या -अहिल्या , द्रौपदी , तारा, कुंती और मंदोदरी।पाँच ज्ञानेंद्रियां - आंख , कान , नाक,  जीभ और त्वचा। पंचकर्म…

आभार और धन्यवाद में अंतर जानिए

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।समाज में सहयोग की भावना का होना अनिवार्य शर्त होती है। दिन-प्रतिदिन के कार्यों , समस्याओं , समाधान, निर्णयों में मित्रों ,परिजनों कभी-कभी अपरिचित भी सहायता कर देते हैं। इसी प्रकार…

महत्वकांक्षा और आकांक्षा में अंतर जानिए

महत्वकांक्षा एक उच्च सपन है, जो व्यक्ति को सोने नहीं देता। यह जीवन लक्ष्य होता है, जिसे व्यक्ति स्वयं निर्धारित करता है। पद, प्रतिष्ठा , उपहार , सम्मान, निपुणता ,भव्यता इस तरह के जीवन लक्ष्य…

शिक्षण तथा अधिगम में अंतर जानिए

शिक्षण तथा अधिगम( सीखना) परस्पर जीवन रथ के दो पहिए हैं। इन दोनों का क्षेत्र बहुत ही व्यापक है। महात्मा गांधी के अनुसार " शिक्षा का अर्थ शरीर, मन तथा आत्मा के सर्वागिक एवं  सर्वोत्कृष्ट विकास  है…

नैतिकता तथा नीति निर्देशक में अंतर

आज के बदलते परिवेश में बच्चों में संस्कारों का अभाव है। अल्पायु से ही बौद्धिक शिक्षा का महत्व तथा नैतिक शिक्षा की उपेक्षा(negligence) ने मानव जीवन को पतन के कगार पर ला कर खड़ा कर…

व्यवहारिक तथा संवेदनशील में अंतर जानिए

व्यवहारिक तथा संवेदनशील व्यक्ति में अंतर स्पष्ट दिखाई देते हैं। यदि व्यवहारिकता को हिमालय कहा जाए ,तो भावुकता एक नदी है।शास्त्रों के अनुसार व्यवहारिकता पुरुषो और संवेदनशीलता स्त्रियों का गहना है। व्यवहारिक व्यक्ति लक्ष्य की…

सहनशीलता / सहिष्णुता तथा स्वीकार्यता में अंतर

सहिष्णुता यदि एक गुण है तो स्वीकार्यता एक महागुण है। सहिष्णुता यदि आत्म नियंत्रण, आत्म संयम को प्रर्दशित करती है। वही स्वीकार्यता हमारी आत्मशक्ति , आत्मबल का रूप है। सहनशीलता, स्वीकार्यता एक गुण है परंतु …

जीवन मूल्य तथा जीवन सिद्धांत में अंतर

जीवन , जीना भी एक कला है। यदि जीवन में मूल्य ,सिद्धांत न हो तो वह आत्मा विहीन शरीर बन जाएगा। जीवन मूल्य हमारे संस्कारों को प्रदर्शित करते हैं।वही जीवन सिद्धांत हमारी शिक्षा ,योग्यता को…