महत्वकांक्षा और आकांक्षा में अंतर जानिए

महत्वकांक्षा एक उच्च सपन है, जो व्यक्ति को सोने नहीं देता। यह जीवन लक्ष्य होता है, जिसे व्यक्ति स्वयं निर्धारित करता है। पद, प्रतिष्ठा , उपहार , सम्मान, निपुणता ,भव्यता इस तरह के जीवन लक्ष्य पाने के लिए व्यक्ति की मजबूत इच्छा शक्ति उसकी महत्वकांक्षा को प्रदर्शित करती है।

आकांक्षा हमारी छोटी-छोटी तमन्नाऐ हैं जो दिन प्रतिदिन की घटनाओं , जरूरतो , उम्मीदों , भावनाओं से प्रभावित रहती है। आकांक्षा और महत्वकांक्षा व्यक्ति के विचारों का दर्पण होते है। नकारात्मक व्यक्तियों की महत्वकांक्षा जहां एक श्राप होती है , वही सकारात्मक व्यक्तियों की एक वरदान।आकांक्षा वह छोटी-छोटी उम्मीदें हैं , जो जीवन लक्ष्य (महत्वाकांक्षा) की प्राप्ति का एक मार्ग है।

महत्वकांक्षा और आकांक्षा में अंतर infographic
किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व की पहचान उसके  विचारों से की जा सकती है।हमारी आकांक्षाएं और महत्वकांक्षाएं हमारी सफलता और असफलता की सीमाएं निश्चित करती है। जिस प्रकार एक बड़े वृक्ष का बीज भी बहुत छोटा होता है, उसी प्रकार किसी बड़ी सफलता का मूल बीज भी महत्वकांक्षा और आकांक्षा के रूप में हमारे मन और मस्तिष्क में पलता है।
मानव की यह इच्छाएं ही उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। मनुष्य के मन के सुक्ष्म प्रकंपन उसके विचारों से शुरू होकर वातावरण में चारों और फैलते हैं जिस प्रकार कमान से छोड़ा हुआ तीर अपना लक्ष्य अवश्य भेदता है, उसी प्रकार इच्छाएं भी अपना असर अवश्य दिखाती है।
कल्याणकारी चिंतन मनुष्य की उन्नति का सीधा उपाय है वहीं बुरी आकांक्षाएं मनुष्य का अहित करने में सक्षम होती है।
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