जीवन मूल्य तथा जीवन सिद्धांत में अंतर

जीवन , जीना भी एक कला है। यदि जीवन में मूल्य ,सिद्धांत न हो तो वह आत्मा विहीन शरीर बन जाएगा। जीवन मूल्य हमारे संस्कारों को प्रदर्शित करते हैं।वही जीवन सिद्धांत हमारी शिक्षा ,योग्यता को दर्शाते हैं।जीवन मूल्य के आधार पर ही ज्ञानी मनुष्य जीवन के सिद्धांतों का निर्माण करता है।आज के युग में जीवन के यह दोनों तत्व कहीं खो गए हैं,परंतु मानव संस्कृति इन्हें पुनः जीवित करने की चेष्टा जरूर करेगी।

Values and principles(infographic)

व्यक्ति के मान ,मर्यादा ,सम्मान का प्रमुख कारण उसके जीवन मूल्य और जीवन सिद्धांत होते हैं। मानव में मानवता के गुण का आधार यही दो विशेष योग्यताएं हैं।जीवन मूल्य जहां परंपरागत योग्यता के समान होते हैंवही जीवन सिद्धांतों को व्यक्ति स्वयं ही निर्धारित करता है और हर परिस्थिति में उनका निर्वाह करता है। जीवन मूल्य और जीवन सिद्धांत दोनों ही सकारात्मक भावों और नियमों को दर्शाते हैं। जैसा कि शब्द के अर्थ से ही स्पष्ट है जीवन + मूल्य अर्थात जीवन की कीमत को बढ़ाना। उसी प्रकार सिद्धांतहीन जीवन जीना जीवन को व्यर्थ करने के समान है।
धन-संपत्ति निवास स्थान की शोभा बढ़ाती है, जीवन मूल्य व्यक्ति की शोभा बढ़ाते हैं।
उच्च जीवन सिद्धांत बनाए ताकि एक अलग पहचान बन सके।
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