व्यवहारिक तथा संवेदनशील में अंतर जानिए

व्यवहारिक तथा संवेदनशील व्यक्ति में अंतर स्पष्ट दिखाई देते हैं। यदि व्यवहारिकता को हिमालय कहा जाए ,तो भावुकता एक नदी है।शास्त्रों के अनुसार व्यवहारिकता पुरुषो और संवेदनशीलता स्त्रियों का गहना है।

व्यवहारिक व्यक्ति लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दृढ़ निश्चय होते हैं और दूसरों की स्वीकृति के अनुसार जीवन नहीं जीते। संवेदनशील व्यक्ति लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भावनाओं पर ही आधारित रहते है। यह भावनाएं व्यक्ति को कमजोर बनाती रहती हैं अतः यह बहुत दृढ़ निश्चयी नहीं होते। व्यवहारिक व्यक्ति सकारात्मक विचारो वाले तथा स्वयं निर्णय लेने वाले होते हैं वही भावुक व्यक्ति नकारात्मक विचारों मे तथा तनाव , चिंता ग्रस्त रहते हैं। प्रकृति संतुलन के लिए यह दोनों गुण व्यक्ति में होने जरूरी है।

व्यवहारिक तथा संवेदनशील में अंतर infographic
व्यवहारिकता और संवेदनशीलता दोनों मानव स्वभाव के गुण हैं। आपको जानकर हैरानी होगी इसका भी एक वैज्ञानिक कारण है कि महिलाएं संवेदनशील और पुरुष व्यवहारिक क्यों होते हैं।इसका प्रमुख कारण मस्तिष्क की रचना है। पुरुषों के मस्तिष्क में तंत्रिका तंत्र की संख्या अधिक होती है, वहीं महिलाओं के मस्तिष्क में न्यूरॉन कोशिकाओं का ग्रे मैटर ज्यादा होता है। मस्तिष्क की बनावट के इसी अंतर के कारण महिला- पुरुष के व्यवहार समान परिस्थितियों में भी अलग तरह से पेश आते हैं। वहीं महिलाएं मस्तिष्क के दोनों हिस्सो का सामान प्रयोग करती हैं, जबकि पुरुष केवल एक हिस्से का ही  प्रयोग करता है। हालांकि अभी इसमें शोध कार्य चल रहा है।
अंत में दिल और दिमाग से कार्य करने पर ही वह कार्य संपूर्ण माना जाता है।इसी प्रकार व्यवहारिकता और संवेदनशीलता के सामंजस्य से ही एक पूर्ण मानव का निर्माण होता है।

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