मैं ऐसा हो जाता हूँ – कविता

कविता
तुम्हारी अदाओं का मैं
दीवाना हो जाता हूँ,
बात कर के तुमसे
पिघल जाता हूँ l
मुस्कुराहट देख तुम्हारी
बिखर जाता हूँ,
भावनाओं में तुम्हारी
बह जाता हूँ l
क्या करू मैं ऐसा हो जाता हूँ…
तुम्हारी जिद के आगे
झुक जाता हूँ,
गुस्सा तुम्हारा देख कर
सहम – सा जाता हूँ l
बालों से खेलना तुम्हारा
दिल को  छू जाता है,
स्पर्श से तुम्हारे
बिजली – सी पाता हूँ l
क्या करू मैं ऐसा हो जाता हूँ…
तुम्हें भूलने की कोशिश में
अधमरा – सा हो जाता हूँ,
तुम्हारी यादों में
अंदर से टूट जाता हूँ l
दुखी तुमको देखकर
पागल – सा हो जाता हूँ,
संदेशा तुम्हारा पाकर
उत्सुक हो जाता हूँ l
क्या करू मैं ऐसा हो जाता हूँ…
क्या करू मैं ऐसा हो जाता हूँ……

 Ex AC (U/T)- केशव यादव

मनोरंजक