सपनों की मधुशाला
यूँ ही चलते हुए एक मधुशाला देखी,वहाँ जाते हुए भीड़ देखीमानो जैसे सजा हो कोई रंगीला मेला।बस कदम खुद ब खुद मधुशाला की ओर बढ़ने लगे,मानो वहाँ पहुँचा तो एक अलग ही दुनिया से वाकिफ…
यूँ ही चलते हुए एक मधुशाला देखी,वहाँ जाते हुए भीड़ देखीमानो जैसे सजा हो कोई रंगीला मेला।बस कदम खुद ब खुद मधुशाला की ओर बढ़ने लगे,मानो वहाँ पहुँचा तो एक अलग ही दुनिया से वाकिफ…
हमारी भाषा में कई ऐसे शब्द होते हैं जो लगभग एक जैसे प्रतीत होते हैं, लेकिन उनका अर्थ और उपयोग भिन्न होता है। ऐसे ही तीन शब्द हैं - आशय, अभिप्राय और तात्पर्य। इन शब्दों…
आदर , श्रद्धा , सम्मान देना भारतीय संस्कृति का आत्मीय गुण है। जिस देश में माता-पिता, गुरु को पूजनीय समझा जाता है, वहां पर आदर सूचक शब्दों का कोश असीमित ही होगा। महानुभाव , महामना…
पात्रता पात्रता अर्थात अपनी योग्यता , क्षमता , कुशलता , ग्रहण शीलता से स्वयं को सिद्ध कर विशेष स्थान प्राप्त करना तथा उस स्थान के लिए उचित पात्र(selected candidate) बनना। इसके अतिरिक्त भाग्य और वंशावली…
पाया था सो खोया हमने, क्या खोकर क्या पाया ?रहे ना हम में राम हमारे, मिली ना हमको माया ।।मैथिलीशरण गुप्त जीवन एक सुंदर यात्रा है। इस मार्ग पर मोड़ भी आते हैं और दोराहे…
मानव तू क्यों मद करें, दिखा ज्ञान विज्ञान?तुझ जैसा ज्ञानी रचा उसका ही धर ध्यान।।श्रीमन नारायण गर्व व्यक्तिगत विशेषताएं जैसे कोई विशेष हुनर, गुण, उपलब्धि, योग्यता, क्षमता के कारण स्वयं को सम्मानित महसूस करना ,गर्व…
योगश्चित वृत्तिनिरोधः। यह पतंजलि योग दर्शन का पहला सूत्र है। योग चित्तवृत्ति का निरोध है ,यानी हमारे दिल में उठती तरंगों पर अंकुश योग है। योग शब्द की उत्पत्ति युज् धातु से हुई है जिसका अर्थ…
महर्षि पतंजलि द्वारा प्रतिपादित योग दर्शन और अष्टांग योग व्यक्ति के संपूर्ण विकास का पथ प्रशस्त करते हैं। अष्टांग योग लोक तथा परलोक दोनो में समन्वय बनाकर अध्यात्मिक , मानसिक , बौद्धिक , सामाजिक और…
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