पाखंड , आडंबर और ढ़कोसला में अंतर

पाखंड , आडंबर और ढ़कोसला में अंतर

पाखंड , आडंबर और ढ़कोसला में अंतर infographic

पाखंड – पाखंड फैलाना अर्थात ढोंग रचना।  स्वयं द्वारा सामूहिक स्तर पर घोषित अभिव्रतियों से विपरीत व्यवहार करना। प्रपंच रचना(चाल चलना)। धर्म और नीति के विरूद्ध आचरण/व्यवहार करते हुए भी स्वयं को धार्मिक , सत्यवादी , नीतिवान सिद्ध करने का प्रयत्न करना। यही सबसे बड़ा पाखंड है। वाक्य-

  1. कलयुग में  डाकू ही साधु, संत ,सूफी होने का पाखंड रचकर भोले भाले लोगों को लूटते हैं।
  2. पाखंड रचना तो कोई राजनीतिज्ञो से सीखे, आम जनता को सीधा बोतल में उतार लेते है।
  3. भक्ति काल से पहले हिंदू धर्म के पतन का एक प्रमुख कारण पंडितो द्वारा फैलाए गए पाखंड थे।

आडंबर – आडंबर अर्थात तड़क भड़क या टीमटाम,किसी परंपरा या वस्तु आदि का यथार्थता/तथ्य से रहित आकर्षक बाह्य रूप जो धोखे का आधार बने। वाक्य-

  1. फिल्मी दुनिया आडंबरों से  भरी हुई हैं और वास्तविक जीवन से दूर है।
  2. शहरों के लोग फालतू आडंबरों पर धन और समय दोनों व्यर्थ करते हैं।
  3. ज्ञान , विवेक और तथ्य हीन परंपराएं मात्र आडंबर बनकर ही रह जाती है।

ढ़कोसला – ढ़कोसला अर्थात ढोंग रचना अथवा काम निकालने के लिए आयोजन करना। वाक्य-

  1. पाकिस्तान के ढ़कोसलों से पूरी दुनिया वाकिफ है और उसे आतंकवादियों का संरक्षक मानती है।
  2. अपनी गलती छिपाने के लिए छात्र ने बीमार होने का ऐसा ढ़कोसला किया कि सभी शिक्षक डर गए।
  3. हमें ढ़कोसला करने वाले लोगों से सावधान रहना चाहिए।
सभी धर्मों में पाई जाने वाली कुरीतियां का प्रमुख कारण पाखंड, आडंबर और ढ़कोसला हैं।

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