व्यक्तित्व के निर्माण के कई सोपान होते हैं। व्यक्ति यदि अपनी क्षमता का सदुपयोग करें तथा अपने क्षेत्र में प्रेरणादायक स्रोत बन कर कार्य करें तो वही व्यक्ति प्रसिद्धि को प्राप्त करता है। हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जो सामाजिक कार्यकर्ता है , परंतु समाज में उन्हें वह स्थान नही मिला जो मिलना चाहिए। अतः मीडिया को भी सिर्फ प्रसिद्ध लोगों को दिखाने के बजाय सामाजिक कार्यकर्ता, संगठन , सफल व्यवसायी, या किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने वाले लोगों को भी दिखाना चाहिए क्योंकि आम जनता के यही प्रेरणा स्रोत होते हैं। जो जमीन से उठकर कुछ बनते हैं।
प्रतिष्ठित व्यक्ति– प्रतिष्ठित व्यक्ति मनोरंजन के क्षेत्र, उच्च उपलब्धियों, खानदानी वैभव, कला , खेल जगत, सफल उद्योगपति द्वारा अपनी एक पहचान बनाते हैं।परंपरागत स्रोतों द्वारा इन्हें प्रसिद्धि प्राप्त होती है।ऐसे व्यक्ति यदि प्रतिभाशाली ना हो तो बहुत कम समय तक चर्चा के केंद्र रहते हैं और यदि प्रतिभाशाली है तो यह प्रभावशाली व्यक्ति भी बन जाते हैं। इनकी कौशलता,योग्यता, क्षमता प्रेरणा के स्रोत के रूप में अन्यों का मार्ग प्रशस्त करती है।प्रभावशाली व्यक्ति– प्रभावशाली व्यक्ति जरूरी नहीं कि बहुत प्रसिद्ध हो।वह हमारे आसपास के क्षेत्र में, हमारे पड़ोस में रहने वाले आम नागरिक भी हो सकते हैं। बस उनके उच्च जीवन मूल्य और जीवन सिद्धांत उन्हें एक प्रभावशाली व्यक्ति बनाते है।जो लोगो को नैतिक शिक्षा प्रदान करते हैं। उदाहरण मेरी मित्र अर्चना जो अपने क्षेत्र इंदिरा पुरम, नोएडा में कचरा प्रबंधन, जल प्रबंधन, 5000 स्टील के बर्तनों को भोज के लिए उपलब्ध कराना आदि अनेक पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में संग्लग रहती है।उस क्षेत्र की लोगों के लिए वह एक प्रभावशाली प्रेरणा स्रोत है।