रोई रोईके पाइये, रुपया जिसका नाम।
जब जाये फिर रोइये, इह सुख जिसको काम।।
अर्थात रो रो के रुपया आता है और जब जाता है तो रुला कर जाता है।आधुनिक समाज में ऐसी विचारधारा पनप रही है, लोगों को लगता है कि धन से सब सुख प्राप्त हो सकते हैं। धन से सब कुछ खरीदा जा सकता है। ऐसे कुविचारों के कारण मानव धन अर्जित करने के लिए किसी भी हद तक गुजर जाने के लिए तैयार है।लोगों को लगने लगा है कि पैसा आना चाहिए, चाहे स्रोत कुछ भी हो। परंतु क्या पैसा ही सर्वे सर्वा है। विश्व का हर सुख, संपत्ति ,चीजें क्या धन से खरीदी जा सकती हैं। नहीं, ऐसा नहीं है।अगर ऐसा होता तो राजकुमार सिद्धार्थ(महात्मा बुद्ध) सभी वैभव छोड़कर सन्यास क्यों ले लेते।ऐसे अनेक उदाहरण है जो दर्शाते हैं धन संपदा से भी महत्वपूर्ण मानवता और मानवीय मूल्य है।
हां, गृहस्थ जीवन में हमारे कुछ कर्तव्य हैं। जिनकी आपूर्ति के लिए धन एक महत्वपूर्ण स्रोत है। धन का मूल्य और महत्व समझे परंतु धन को सेवक बनाए, स्वामी नहीं। यदि आपके पास धन का अभाव है तो निराश न होए क्योंकि हम आपको ऐसी 50 चीजें बता रहे हैं जिन्हें धन से नहीं खरीदा जा सकता। यह अनमोल चीजें हैं जिनका मोल नहीं है।
केवल पैसा और शौहरत कमाना ही काफी नहीं है, सोचिए जब आपका किसी से ब्रेकअप/breakup हो तो उस दिन कंपनी में प्रमोशन कोई मायने नहीं रखता।जब आपकी पीठ में दर्द हो तो कार ड्राइविंग करने में कोई आनंद नहीं आता, जब आपके दिमाग में टेंशन हो तो शॉपिंग करने में भी कोई मजा नहीं आता।यह जीवन आपका है इसे इतना भी गंभीर मत बनाइये।हम सब इस दुनिया में कुछ पलों के मेहमान हैं तो जीवन का आनंद लीजिए उसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। –रतन टाटा
Your writing is compelling, it’s difficult to look away.
धन्यवाद