दिल तथा दिमाग में अंतर जानिए

दिल तथा दिमाग में अंतर जानिए

किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व की पहचान उसके दिल और दिमाग से होती है। ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू है। भाव शुन्य या ज्ञान शुन्य व्यक्ति जीवन में कभी उन्नति नहीं कर सकते। दिल जहां भावनात्मक शक्ति देता है ,वही दिमाग ज्ञानात्मक शक्ति देता है । दोनों ही मनुष्य को एक मानव के रूप में प्रदर्शित करते हैं , यदि दिल ना हो तो मानव , दानव बन जाएगा और यदि दिमाग ना हो तो मानव , जानवर बन जाएगा। अतः दोनों की बहुत आवश्यकता है। दोनों ही एक प्रकार की विचारात्मक शक्ति हैं, परंतु इनमें कई विभिनता भी है। आइए जानें –

दिल तथा दिमाग में अंतर (infographic)
महापुरुषों के अनमोल वचन
  • यदि एक सुंदर चेहरा आत्मविश्वास का प्रतीक है तो एक अच्छा दि विश्वासनीयता का प्रतीक है।
  • मूर्ख का हृदय उसके मुंह में होता है परंतु बुद्धिमान का मुख उसके हृदय में होता है।
  • एक श्रेष्ठ दिल विश्व के समस्त मस्तिष्कों के अपेक्षा श्रेष्ठ है।
  • हृदय की  झुरियां भौंह  की झुर्रियों की अपेक्षा अधिक अमित होती है।
  • मनुष्य हृदय में जैसा विचार करता है, वैसा वह बन जाता है।
  • जो दिल कहे ,वही ठीक है।
  • एक श्रेष्ठ दिल स्वर्ग के समान मूल्यवान है।
  • खाली दिमाग, शैतान का घर होता है।
  • छोटी छोटी बातें छोटे दर्जे के दिमागों को प्रभावित करती है।
  • अपने दिमाग का पोषण उच्च विचारों द्वारा करो।
difference सामान्य जानकारी