हमारा प्रथम और अंतिम प्रेम- आत्म प्रेम होता है। “खुदी को कर बुलंद इतना के हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।“ आत्म उत्थान, आत्मबल, आत्म कल्याण, आत्म हित, आत्म प्रेम और आत्म महत्व एक विस्तृत विषय है।आत्म उत्थान का तात्पर्य यह नहीं है कि व्यक्ति स्वार्थी हो जाए अपितु स्वयं को केंद्र मानकर निस्वार्थ भाव से कर्म करना चाहिए।आत्मबल का एक व्यापक क्षेत्र है, जिसमें आध्यात्मिक चेतना ,शारीरिक स्वास्थ्य,भावनात्मक स्थिरता,मानसिक और बौद्धिक विकास,पर्यावरण संरक्षण,सामाजिक कल्याण, आर्थिक क्षमता यह सभी सोपान आते हैं।यह सभी सोपान एक दूसरे के पूरक है व हर प्रकार से एक दूसरे को प्रभावित करते हैं।

आध्यात्मिक चेतना
आध्यात्मिक चेतना -आत्म+ अध्ययन =अध्यात्मिक अर्थात अपने को जानो।व्यक्ति अपने को सबसे कम जानता है, जबकि हमें शांति, संतोष, प्रेम, विश्वास, उम्मीद, जीवन मूल्य जैसे सिद्धांतों के लिए स्वयं को जानना बहुत जरूरी है। आध्यात्मिक चेतना दर्शाते कुछ तथ्य और सुझाव –
- स्वयं में आध्यात्मिक शांति खोजो।
- एकांत में ध्यान का अभ्यास करो।
- दिल की सुनो और जीवन मूल्यों का महत्व दो।
- प्रत्येक कार्य को समर्पण भाव से करो।
- अपने सहचरो के निर्णयो का सम्मान करो।
- संतोष व धैर्य रखो।
- सहयोग की भावना रखो।
शारीरिक स्वास्थ्य
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प्रतिदिन योगाभ्यास।
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शारीरिक क्षमता और लचीलापन/flexibility बढ़ाना।
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संतुलित नींद।
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वाहन चलाते समय नियमों-कानूनों का पालन।
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निश्चित अवधि पर शारीरिक जांच।
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शराब, सिगरेट , नशा आदि व्यसन का त्याग।
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स्वच्छ पौष्टिक आहार का सेवन।
भावनात्मक स्थिरता
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आशावादी विचार।
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समय प्रबंधन में कुशल होना।
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तनाव मुक्ति में सक्षम होना।
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विचारों व भावों पर नियंत्रण रखना।
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सकारात्मक व योग्य शौक/hobbies रखना।
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क्षमा व स्वीकार्यता के भाव रखना।
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मदद करने व लेने में संकोच ना करना।
मानसिक व बौद्धिक विकास
- नई योग्यताएं सीखना।
- अन्य भाषाओं का भी अध्ययन करना।
- पुस्तके पढ़ना।
- कला व साहित्य में रुचि रखना।
- मासिक पुस्तिका, अखबार, वर्तमान मुद्दों/current affair की जानकारी रखना।
- संग्रहालय, सिनेमाघर आदि मनोरंजक स्थानों पर जाना।
- संगीत में रुचि रखना।
पर्यावरण संरक्षण
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जल संरक्षण और रेन हार्वेस्टिंग करना।
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रसायनों का कम से कम प्रयोग करना।
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धरती के प्रति प्रेमभाव रखना।
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वस्तुओं का पुन: प्रयोग करना। (reduce, reuse, recycle)
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वृक्ष लगाना व उनकी देखभाल करना।
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प्रदूषण कम करने के उपाय करना।
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प्लास्टिक का प्रयोग ना करना।
सामाजिक कल्याण
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सामाजिक कार्यों में भाग ले।
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मित्रों के लिए समय निकालें।
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अपने विचार, भाव, योग्यता और कुशलता आपस में साझा करें।
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कल्याणकारी योजनाओं में सहयोग करें।
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पारस्परिक निर्भरता दर्शाए।
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सामाजिक संबंध स्वस्थ बनाएं।
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सामाजिक त्योहार, मान्यताओं को महत्व दें।
आर्थिक रूप से सक्षम
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आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना।
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भविष्य की योजना बनाने जैसे बीमा।
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पहले बचत फिर खर्च करना।
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कर्ज न लेना-न-देना।
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कमाई के अनुसार व्यय करना।
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आपातकाल के लिए धन सुरक्षित रखना।
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पारिवारिक दायित्वों का निर्वाह करना।
You have a talent for reducing complex notions; I truly understand it now.