अर्चना, आराधना ,उपासना और पूजा में अंतर
आध्यात्मिक अनुभूति के निमित्त साधारण अर्चना, आराधना ,उपासना और पूजा पाठ से प्रारंभ करके ईश्वर के प्रति प्रगाढ़ प्रेम में लीन होने वाली सफल एवं प्रगतिशील मानसिक चिंताओं को भक्ति कहते हैं। पूजा,अर्चना को जो…
आध्यात्मिक अनुभूति के निमित्त साधारण अर्चना, आराधना ,उपासना और पूजा पाठ से प्रारंभ करके ईश्वर के प्रति प्रगाढ़ प्रेम में लीन होने वाली सफल एवं प्रगतिशील मानसिक चिंताओं को भक्ति कहते हैं। पूजा,अर्चना को जो…
कबीरा हरि के रूठते ,गुरु की शरणे बताएं। कह कबीर गुरु रूठते, हरि नहिं होत सहाय।। गुरु का महत्व भारतीय संस्कृति का मूलभूत आधार था। गुरु को भगवान से भी बड़ा दर्जा दिया गया था।…
विवेक, ज्ञान और विद्या- ये तीनों जहां मिलते हैं वहां सर्वश्रेष्ठ अविष्कार होता है। विवेक, ज्ञान और विद्या लगभग समानार्थक शब्द ही है परंतु इनमें कुछ व्यवहारिक अंतर है। जिन्हें चित्र के द्वारा दर्शाया गया…
अस्त्र-शस्त्र अर्थात युद्ध में प्रयोग होने वाले हथियार। युद्ध में एकमात्र उद्देश्य विजय प्राप्त करना होता है अतः उसमें अस्त्रों व शस्त्रों दोनों का प्रयोग मान्य है। क्या है यह अस्त्र-शस्त्र आइए जाने- जब भी…
बूढ़े भारत में भी आई फिर से नई जवानी है, गूमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी है, आत्मनिर्भर होने की भारत नें मन में ठानी है। (झांसी की रानी कविता से पंक्तियां) भारत की गुलामी की जंजीरे सन…
कंपनी कल्चर का कुछ भाग कंपनी जिस रास्ते पर चलती है उस पर निर्भर करता है -यह वो पाठ है जो आप सफर में सीखते हैं।-जैफ बेजॉस के अनमोल विचार मार्केटिंग और सेल परस्पर एक…
मानव का दानव होना उसकी असफलता है , मानव का महामानव होना चमत्कार है , मानव का मानव होना उसकी सफलता है। डॉ० राधा कृष्ण महापुरुषों द्वारा सफलता के लिए दर्शाए कुछ सूत्र - सफलता…
महावीर, जैन धर्म के संस्थापक नहीं थे।बल्कि वे इस धर्म के अंतिम तथा सर्वाधिक प्रसिद्ध 24 वें तीर्थकर थे। इनके प्रथम तीर्थकर ऋषभदेव थे। 23 वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ को छोड़कर पूर्ववर्ती तीर्थकरो की ऐतिहासिकता संदिग्ध है। प्रारंभ…
आर्य समाज की संपूर्ण बौद्धिक, धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक व नैतिक जानकारी का स्रोत विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथ है, जिन्हें वेद कहा जाता है। इन वेदों के अतिरिक्त भी वैदिक साहित्य में बहुत सारे ग्रंथ…
प्राय: सभ्यता और संस्कृति को एक ही मान लिया जाता है, परंतु इनमें गहरा भेद है। सभ्यता में मनुष्य के जीवन का भौतिक पक्ष प्रधान है अर्थात सभ्यता का अनुमान भौतिक सुख-सुविधाओं से लगाया जाता…
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