जीवन , जीना भी एक कला है। यदि जीवन में मूल्य ,सिद्धांत न हो तो वह आत्मा विहीन शरीर बन जाएगा। जीवन मूल्य हमारे संस्कारों को प्रदर्शित करते हैं।वही जीवन सिद्धांत हमारी शिक्षा ,योग्यता को दर्शाते हैं।जीवन मूल्य के आधार पर ही ज्ञानी मनुष्य जीवन के सिद्धांतों का निर्माण करता है।आज के युग में जीवन के यह दोनों तत्व कहीं खो गए हैं,परंतु मानव संस्कृति इन्हें पुनः जीवित करने की चेष्टा जरूर करेगी।