शरिया अर्थ
शरिया अर्थात इस्लामी कानून, शरिया कानून या शरीयत। शरिया कानून इस्लाम के धर्म ग्रंथ कुरआन और पैगंबर मुहम्मद द्वारा दिए गए निर्देशों/हदीस/सुन्नाह पर आधारित नियम है। शरिया कानून में लगभग सभी विषयों जैसे – धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, परिवारिक, राजनीतिक, व्यवहारिक और युद्ध की स्थिति के भी कठोर/कट्टर नियम है। कुछ स्थानों पर हदीस के नियम ना मानने वालों को सख्त से सख्त सजा दी जाती हैं। इन कानूनों को अल्लाह का कानून माना जाता हैं। इस्लामी कानून के अनुसार न्यायाधीश अर्थात क़ाज़ी कोई भी धार्मिक नेता/इमाम बन सकता हैं।
सूफीमत
लगभग 11 वीं शताब्दी में धार्मिक और समाजिक सुधारों का एक दौर चला जिसमें सूफी संतों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। सूफी मत के लोग दूसरे धर्मों जैसे कि ईसाई धर्म , पारसी धर्म , बौद्ध मत और भारतीय दर्शन (वेदांत और योग) के विचारों और परंपराओं से प्रभावित हुए। सूफी संतो में कुछ दार्शनिक और सर्वमानववादी गैर मुसलमानी तत्व मिले हुए थे। भक्ति मत के सुधारों की तरह सूफी भी प्राचीन रीति-रिवाजों में विश्वास नहीं रखते थे अतः वह भी मुस्लिम धर्म में प्रचलित अंधविश्वासों तथा रीति-रिवाजों का खंडन करते थे।
आशय, अभिप्राय और तात्पर्य का अर्थ व्याखान प्रदान करने की कृपा करें।
धन्यवाद! आपका सवाल अत्यंत उत्तम है। मैं आशा करती हूँ कि मैं आपके प्रश्न का उत्तर ठीक से दे पाऊं।