व्यवहारिक तथा संवेदनशील व्यक्ति में अंतर स्पष्ट दिखाई देते हैं। यदि व्यवहारिकता को हिमालय कहा जाए ,तो भावुकता एक नदी है।शास्त्रों के अनुसार व्यवहारिकता पुरुषो और संवेदनशीलता स्त्रियों का गहना है।
व्यवहारिक व्यक्ति लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दृढ़ निश्चय होते हैं और दूसरों की स्वीकृति के अनुसार जीवन नहीं जीते। संवेदनशील व्यक्ति लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भावनाओं पर ही आधारित रहते है। यह भावनाएं व्यक्ति को कमजोर बनाती रहती हैं अतः यह बहुत दृढ़ निश्चयी नहीं होते। व्यवहारिक व्यक्ति सकारात्मक विचारो वाले तथा स्वयं निर्णय लेने वाले होते हैं वही भावुक व्यक्ति नकारात्मक विचारों मे तथा तनाव , चिंता ग्रस्त रहते हैं। प्रकृति संतुलन के लिए यह दोनों गुण व्यक्ति में होने जरूरी है।