चक्रीय अर्थव्यवस्था (circular economy)

मित्रों, आज के समय में विकास के साथ साथ पर्यावरण का ध्यान रखना अति आवश्यक हैं।विकास की गति बढ़ाने में प्रकृति हमारा योगदान करें ऐसे साधनों की अति आवश्यकता है।

circular economy in hindi

इसी कारण एक नई अर्थव्यवस्था का जन्म हुआ है जिसे चक्रीय अर्थव्यवस्था(circular economy) कहा जाता हैं।क्या है ,यह चक्रीय अर्थव्यवस्था कम से कम साधनों का प्रयोग करना, बार-बार प्रयोग करके ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करना।संसाधनों का व्यर्थ ना करना चक्रीय अर्थव्यवस्था है।मित्रों, पहले भी एक अर्थव्यवस्था थी जिसे रैखिक अर्थव्यवस्था कहा जाता था। इस परंपरागत प्रणाली में प्रकृति से संसाधन (कच्चा माल/raw material) लेना- इस्तेमाल करना(use)- व्यर्थ (निपटारा/throw) करना होता था। इसके परिणाम बहुत घातक होते हैं जैसे- वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण ,मृदा प्रदूषण।धन व पर्यावरण का नुकसान। इसके विपरीत चक्रीय अर्थव्यवस्था पर्यावरण अनुकूल(friendly) है।

रैखिक अर्थव्यवस्था (Linear economy)के परिणाम स्वरुप पृथ्वी एक बड़ा कूड़ेदान बनती जा रही है।इस कारण इस व्यवस्था को कचरा अर्थव्यवस्था भी कहा जाता है।उदाहरण- जैसे कपड़ा , टायर का पुन:  प्रयोग ना करना।

comparison between circular and linear economy

चक्रीय अर्थव्यवस्था में कचरा शून्य है इसी कारण इससे हरित अर्थव्यवस्था भी कहा जाता है। जिससे पर्यावरण को खराब किए बिना सतत् विकास होता है। चक्रीय अर्थव्यवस्था आधुनिक विश्व की मांग है क्योंकि प्रकृति का यदि और दोहन हुआ तो प्रकृति विरोध कर देगी जैसे-भूमंडलीय  ऊष्मीकरण।

फायदा चक्रीय अर्थव्यवस्था

आर्थिक लाभ जैसे –  व्यर्थ से धन कमाना, खेतों के व्यर्थ से बायोडिग्रेडेबल बर्तन ,गोबर का प्लांट।

पर्यावरण संतुलन जैसे-कम पेड़ कटना, स्वच्छता,नदी और समुद्र का प्रदूषण मुक्त होना।

example of circular economy

इस प्रकार अंत में हम कह सकते हैं कि चक्रीय अर्थव्यवस्था के द्वारा हम पूर्वजों से मिली सुंदर धरती को सहज ही अपने भविष्य को दे सकते हैं।

circulareconomy सामान्य जानकारी