मन के हारे हार , मन के जीते जीत

मन के हारे हार , मन के जीते जीत

एक विदेशी मनोवैज्ञानिक केरल की यात्रा के लिए आया। उसने केरल के मंदिरों में पाया कि सभी हाथी एक पतली सी चेन से बंधे हुए हैं। वे विशाल हाथी उस पतली व कच्ची चेन को कुछ ही पल में तोड़ने में सक्षम है , परंतु वह ऐसा कोई प्रयास नहीं कर रहे । यह देखकर वह बहुत हैरान होता है।

अंततः वह मनोवैज्ञानिक उन हाथियों के महावत (elephant driver) से यह प्रश्न पूछता है। महावत बताता है , कि जब ये हाथी छोटे , कमजोर , शक्तिहीन थे। तब यह चेन इनके लिए काफी मजबूत थी , उन्होंने इसे तोड़ने का बहुत प्रयत्न किए परंतु हर बार असफल रहे । इन्होंने उस असफलता को अपनी नियति मान लिया है और अब प्रयास नहीं कर रहे। महावत के उत्तर से मनोवैज्ञानिक हैरान हो जाता है।

वह समझ जाता है कि शारीरिक शक्ति से भी महत्वपूर्ण मानसिक शक्ति का होना है ।

शिक्षा – यह कथन मन के हारे हार है , मन के जीते जीत। सत्य ही है।

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