किसी भी देश की अर्थव्यवस्था उसकी रीढ़ की हड्डी के समान होती है। यदि उस देश के व्यवसाय भली प्रकार विकसित न हो और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वयं को साबित न कर पा रहे हो तो वह देश पिछड़ा रह जाता है। आपने स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, मेक इन इंडिया, थिंक ग्लोबल एक्ट लोकल और आत्मनिर्भर भारत के विषय में काफी सुन रखा होगा।यह सभी भारत सरकार द्वारा चलाई गई योजनाएं व सूक्तियां है ,जो लघु व सूक्ष्म उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए चलाई जा रही हैं। एंटरप्रन्योर ही है, जो देश को उद्योग, व्यवसाय ,फैक्ट्रियां स्थापित करके तथा रोजगार उत्पन्न करके इंट्रोप्रन्योर की सहायता से देश की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए इनके के विषय में ओर जानकारी प्राप्त करें।
- विप्रो – अजीम जी प्रेमजी
- क्रेडिट कार्ड – अदिति पुरी
- निरमा – करसन भाई पटेल
- रिलायंस इंडस्ट्रीज – धीरूभाई अंबानी
- एच.सी.सी – शिव नंदा भारतीय
- एंटरप्राइजेज – सुनील मित्तल
- अमूल – वर्गीज कुरियन
- बिकॉल इंडस्ट्रीज – किरण मजूमदार
- बड़ा बिजनेस – डॉ विवेक बिंद्र
इंट्रोप्रन्योर/आंतरिक उद्यमी – आंतरिक उद्यमी किसी कंपनी/ उद्योग के विकास यात्रा के महत्वपूर्ण स्तंभ होते हैं।योग्यता अनुसार कभी-कभी यह किसी विशेष व्यवसाय के शेयर होल्डर भी होते हैं।लाभ हानि में बराबर के भागीदार रहते हैं हालांकि यह पूर्ण रूप से स्वतंत्र नहीं होते क्योंकि निर्णय, निवेश ,कार्यशैली का निर्धारण उद्यमी ही करता है।अधिकतम कर्मचारी निश्चित आय/पारिश्रमिक के लिए ही कार्य करते हैं।संस्था द्वारा समय-समय पर उपहार, सम्मान , बोनस व अन्य सुविधाएं देकर आंतरिक उद्यमी को प्रोत्साहित किया जाता है।इस प्रकार हम कह सकते हैं कि आंतरिक उद्यमी या कर्मचारी किसी भी संस्था के उत्थान विशेष योगदान होता है।
हमें आशा है, यह जानकारी आपको भविष्य की योजना बनाने में सहायक होगी।