प्रथा , परंपरा और विरासत में अंतर

प्रथा , परंपरा और विरासत में अंतर

प्रथाएं (रीति रिवाज), परंपराएं और विरासत किसी भी समाज , संस्कृति , देश , धर्म की एक पहचान होते हैं। जो उसे एक सूत्र में बांध कर रखते हैं। प्रथाएं किसी संस्कृति धर्म का आरंभिक बिंदु होते हैं जो व्यक्ति विशेष के लिए नियम कानून बनाने का कार्य करते हैं और उनका पालन करना उस विशेष समुदाय धर्म या देश के लोगों के लिए एक अनिवार्य कर्म हो जाता है। मानव संस्कृति की उत्पत्ति का काल बहुत प्राचीन है। अतः यह प्रथाएं भी प्राचीन है और समय के अनुसार कुछ का बदलना बहुत अनिवार्य है। शायद उस समय के अनुसार वह बहुत सही रही होगी परंतु अब वह कुरीतियां भी बन गई है ।व्यक्ति की वैज्ञानिक सोच के अनुसार से उन्हें बदलना जरूरी हो गया है। ऐसे ही कुछ उदाहरण है। जैसे – बलि प्रथा , दहेज प्रथा, तीन तलाक  प्रथा आदि। 

परंपराएं- जैसा की  हम जानते हैं कि प्रथाओं का अनुसरण करना ही परंपरा है। परंपराएं पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। यह उस विशेष समुदाय की आदत , व्यक्तित्व का घोतक होती है। परंपराएं समय, स्थान के अनुसार बदलती जाती हैं। जैसे- गुरु शिष्य परंपरा , आधुनिक काल में विद्यालय के रूप में परिवर्तित हो गई है। इसी प्रकार ओर भी बहुत सारी परंपराएं जो पहले धार्मिक आधार पर होती थी उनका स्वरूप प्रजातांत्रिक आधार पर हो गया है। हालांकि परंपराएं विशेष धर्म, जाति और देश को दर्शाती है और उन्हें महान बनाती हैं ।

विरासत– विरासत का क्षेत्र सीमित से लेकर असीमित तक जाता है। विरासत एक परिवार (वंश) की भी होती है और विरासत देश , संस्कृति और सभ्यता की भी होती है। विरासत में भौतिक पदार्थ जैसे- धन , महल , संपदा और सांस्कृतिक धरोहर भी आ जाते हैं । विरासत अभौतिक भी होती है जिसमें सभ्यता , संस्कृति की पहचान होती है।

प्रथा, परंपरा और विरासत में अंतर infographic

प्रथा की परिभाषाएं –

  • रीति अथवा चलन मनुष्य के जीवन के महान पथ प्रदर्शक होते हैं।
  • प्रथाओं के समान कोई भी अत्याचारी शासक नहीं होता है। जहां इसको घोषणाएं प्रतिबंधित नहीं होती है, वहां स्वतंत्रता नाम की कोई वस्तु नहीं होती है।

परंपरा की परिभाषाएं –

  •  मृत पीढ़ियों की परंपरा जीवित पीढ़ी के दिमाग पर भयावह स्वप्न के  भांति सवार रहती है।
  • परंपरा द्वारा इतिहास को सहायता प्राप्त होती है, परंतु उस पर विश्वास करने के लिए उसके कथनों का परीक्षण भली प्रकार कर लिया जाना चाहिए।
  • मनुष्य को परंपरा द्वारा तर्कबुद्धि को नहीं जाना चाहिए बल्कि  तर्कबुद्धि द्वारा परंपरा की पड़ताल करनी चाहिए।

विरासत की परिभाषा –

  •  स्वयं भूखा रहकर अपने उत्तराधिकारी को धनवान बनाना और अपने मित्र को शत्रु बना लेना पागलपन है क्योंकि आपकी मृत्यु के अवसर पर आपके द्वारा उसके लिए छोड़ी गई संपत्ति के अनुपात (ratio) में उसकी (उत्तराधिकारी की) प्रसन्नता होगी।
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