अकेलापन
चल अकेला, चल अकेला ,चल अकेला।
तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला।।
यह पंक्तियां एक गीत की है जिस के भाव अकेलेपन के निराशावादी विचारों को छोड़कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। कोई भी व्यक्ति जीवन में अकेलापन नहीं चाहता आपने सुना ही होगा “अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता ” यानि अकेला आदमी कोई बड़ा काम नहीं कर सकता। इसी प्रकार “अकेला हंस ना भला , न रोना ” अर्थात अकेले में न खुशी अच्छी लगती हैं और न गम ही मनाया जा सकता। अकेलेपन की नकारात्मकता दर्शाती हुई एक लोकोक्ति बहुत प्रसिद्ध है “अकेली तो लकड़ी भी नहीं जलती ” अर्थात बिना मित्रों और संबंधियों के जीवन दूभर होता है। रविंद्र नाथ टैगोर जी की प्रसिद्ध पंक्तियां है “एकला चलो रे ” अर्थात अकेलेपन से ना डरते हुए आगे बढ़ना चाहिए। इस जीवन मेले में बहुत से लोग मिलते और बिछड़ते रहते हैं पर यह मेला स्थाई रहता है। व्यक्ति कभी भी अकेले रहना नहीं चाहता क्योंकि अकेलापन अविश्वास , अशांति , असहयोग और चिंता उत्पन्न करता है। व्यक्ति अकेला आया है और अकेला ही जाएगा यह एक कटु सत्य है अतः अकेलेपन के भाव को एकांत में परिवर्तित कीजिए।
गरुड़ अकेले उड़ते हैं , भेड़े ही हैं जो सदा भीड़ लगाती है।
एकांत
एकांत से बढ़कर कोई मिलनसार साथी नहीं होता।
एकांत , हमें हमारे सच्चे हमदर्द से मिलाता है – स्वयं से। एकांत में हमें आत्मशांति , विश्वास, आशा और आत्म बल मिलता है। एकांतवास हमारे स्वयं द्वारा चयन किया हुआ क्षण होता है जो हमें आनंद देता है यह हमारे स्वयं के होने का एहसास दिलाता है तथा हमारी अध्यात्मिक उन्नति का स्रोत भी होता है। एकांत हमें सांसारिक मोह , माया , चिंता और दुख जैसे नकारात्मक भावों से बचाने में सहायक होता है। एकांत हमारे ध्यान , मनन , एकाग्रता में वृद्धि करता है। एकांतवास को वैराग्य से भी जोड़ दिया जाता है। एकांत हमें निजता का एहसास दिलाता हैं जो हमारे बौद्धिक विकास के लिए अति आवश्यक है। हालांकि एकांत के कुछ नकारात्मक पहलू भी है जो हमें अकेलेपन की तरफ ढकेल सकते हैं। अतः यह अंतर जानना अति आवश्यक है।
एकांत अच्छी पाठशाला है , किंतु विश्व सबसे अच्छी रंगशाला है। अज्ञात
एकांत में वास करने वाला व्यक्ति या तो पशु है या देवता। - इटालियन कहावत।
जो एकांत सेवन नहीं करता वह कभी सोसाइटी का स्वाद नहीं ले सकता।
अज्ञात
संस्कृति और महत्ता के सब रास्ते एकांत कारावास की ओर जाते हैं। अज्ञातहमारे प्रिय पाठको द्वारा सुझाया गया विषय।
Loneliness usually refers to the unhappiness when there is no company or friends, whereas solitude is the state of being alone without feeling lonely.
Well said 👍
good article
धन्यवाद