अनिश्चितता और विलम्ब हर समस्या के माता-पिता है।
- समस्या का बोध – जिस प्रकार शारीरिक रोग का पता चलना उसके इलाज के लिए अति आवश्यक होता है। उसी प्रकार किसी भी समस्या का कारण पता चलना, उसके समाधान के लिए बहुत जरूरी होता है। विचित्र परंतु सत्य है कि बहुत से लोगों को अपनी असफलता का कारण पता ही नहीं होता, अतः वह भाग्य, समय ,अन्य या स्वयं पर आरोप लगाकर समस्या का समाधान नहीं खोज पाते। यदि समस्या है तो समाधान भी जरूर होगा। ऐसा विश्वास करके समाधान के रास्ते को चुने।
- समस्या पर चिंतन – जिस प्रकार बीमारी जानने के लिए लक्षणों के अनुरूप जांच करवाई जाती है। उस जांच में जो भी बीमारी बताई जाती है उसके समाधान के लिए डॉक्टर से संपर्क करते हैं। बीमारी के इलाज की योजना बनाते हैं। उसी प्रकार समस्या के अनुरूप उस पर चिंतन करना अति आवश्यक है इसके लिए स्वयं ,अन्य शुभचिंतकों या अनुभवी लोगो की सहायता से समस्या के कारणों पर चिंतन करे।
- समाधान पर चिंतन – बीमारी का पता चलने के बाद हम अपने इलाज पर ध्यान देते हैं। कहां से ,किससे, किस प्रकार का इलाज कराना है इस पर बैठकर चिंतन किया जाता है। उसी प्रकार समस्या के हल के लिए सभी विकल्पों पर चिंतन करना अति आवश्यक है, ताकि कोई गलत निर्णय समस्या को बढ़ा ना दे। समस्या समाधान में अपने पक्ष , विपक्ष , ज्ञान , धन , सभी कुछ योजना अनुसार निर्धारित करके रखें।
- समाधान कार्यान्वित करना – जिस प्रकार बीमारी के इलाज के लिए हम पूर्ण विश्वास के साथ दवाइयां लेना प्रारंभ कर देते हैं। उसी प्रकार समस्या के निदान पर चिंतन के बाद समाधान के अंतिम निर्णय पर भी पूर्ण विश्वास के साथ कार्य करना शुरू कर देना चाहिए। योजना अनुसार ,आत्मविश्वास , धैर्य और दृढ़ निश्चय के साथ समस्या का समाधान निकालना चाहिए।
- समाधान का मूल्यांकन – किसी भी बीमारी के इलाज के दौरान हमें किन दवाइयों का साइड इफेक्ट हुआ या कौन सी दवाई असरदार रही। इसका मूल्यांकन किया जाता है ताकि भविष्य में हम इस अनुभव के आधार पर डॉक्टर को बता सके। उसी प्रकार समस्याओं के समाधान में भी मूल्यांकन अति आवश्यक है। कौन सा मित्र , साथी , कौशल हमारे काम आया और कौन हमारे विरोध या विरुद्ध रहे। हमारी कौन सी कमजोरियों के कारण समाधान पाने में कठिनाइयां हुई उन्हें हम कैसे सुधारें। अपने आपको हम किस प्रकार मजबूत करें ताकि भविष्य में इस प्रकार की विपत्ति ना आए। इस प्रकार का मूल्यांकन करना अति आवश्यक है।