किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व की पहचान उसके दिल और दिमाग से होती है। ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू है। भाव शुन्य या ज्ञान शुन्य व्यक्ति जीवन में कभी उन्नति नहीं कर सकते। दिल जहां भावनात्मक शक्ति देता है ,वही दिमाग ज्ञानात्मक शक्ति देता है । दोनों ही मनुष्य को एक मानव के रूप में प्रदर्शित करते हैं , यदि दिल ना हो तो मानव , दानव बन जाएगा और यदि दिमाग ना हो तो मानव , जानवर बन जाएगा। अतः दोनों की बहुत आवश्यकता है। दोनों ही एक प्रकार की विचारात्मक शक्ति हैं, परंतु इनमें कई विभिनता भी है। आइए जानें –