- १)बंधक के रूप-1017 ई सुल्तान महमूद कई विद्वानों और कवियों को ख़्वारिज़्म से अपनी राजधानी गजनी ले गया। अलबिरूनी भी उनमें से एक था।
- २)जन्म-मृत्यु- स्थान – इनका जन्म उज्बेकिस्तान में स्थिर ख़्वारिज़्म मे सन् 973 मे हुआ था।गजनी में सन् 1050 में 77 वर्ष की आयु में इनकी मृत्यु हो गई।
- ३)शिक्षा-वह कई भाषाओं के ज्ञाता थे जिसमें सीरियाई, फारसी, हिब्रू और संस्कृत शामिल है हालांकि वह यूनानी(greek) भाषा नहीं जानते थे।
- ४)यूनानी दार्शनिकों का अध्ययन– इन्होंने प्लेटो एवं अन्य यूनानी दार्शनिको(philosophers) के कार्यों का अरबी अनुवाद के माध्यम से अध्ययन किया हुआ था।
- ५)भारत यात्रा-इन्होंने संस्कृत में रचित खगोल(astronomy) ,विज्ञान ,गणित और चिकित्सा संबंधी कार्यों का अरबी अनुवाद मे अध्ययन किया। इसके बाद भारत के प्रति इनकी रुचि बढ़ गई।
- ६)यात्रा कार्यक्रम –हालांकि इनका यात्रा कार्यक्रम स्पष्ट नहीं है ,फिर भी प्रतीत होते हैं कि उसमें पंजाब और उत्तर भारत के कई हिस्से थे।
- ७)शिक्षात्मक यात्रा -अलबरूनी ने ब्राह्मण ,पुरोहित और विद्वानों के साथ कई वर्ष बिताए और संस्कृत, धर्म तथा दर्शन का ज्ञान प्राप्त किया।
- ८)ग्रंथों का अनुवाद -इन्होंने कई संस्कृत कृतियों(books) ,जिसमें पतंजलि का व्याकरण ग्रंथ भी शामिल है ,अरबी में अनुवाद किया ।साथ ही साथ यूक्लिड गणितज्ञ(Euclid -mathematician) के कार्यों को संस्कृत में अनुवाद किया।
- ९)किताब-उल-हिंद-अरबी भाषा में लिखा यह एक विस्तृत ग्रंथ है जो धर्म और दर्शन, त्योहारों, खगोल विज्ञान, कीमिया(chemistry), रीति-रिवाजों, सामाजिक जीवन ,भार और तोल, कानून, माप तंत्र(measurments) ,विज्ञान जैसे 80 अध्यायों में विभाजित है।
- १०)लेखन शैली– किताब-उल-हिंद को लिखने के लिए एक विशिष्ट शैली का प्रयोग किया गया है, जिसे प्रश्नोत्तर शैली (Q&Astyle) कहा जाता है। साथ ही साथ यह दो संस्कृतियों का तुलनात्मक अध्ययन भी है।
- ११)रोचक तथ्य– भारतीय समाज को समझने के लिए यह हमेशा वेदों ,पुराणों ,भगवत गीता ,पतंजलि की कृतियां तथा मनुस्मृति पर ही आश्रित रहे। ब्राह्मणों द्वारा रचित कृतियों से ही इन्होंने पूरे समाज की रूपरेखा तैयार की।
- १२)उल्लेखनीय तथ्य-इन्होंने 146 किताब लिखी 35 खगोल शास्त्र पर, 23 ज्योतिषशास्त्र(astrology) पर ,15 गणित ,16 साहित्यिक तथा अन्य विषय।
- १३)प्रमुख पुस्तकें –किताब-उल-तफीम, किताब-उल-हिंद ,कानून-अल-मसूदी ,अल-हैयत, अल-नजूम। इनका गणित विज्ञान के प्रति विशेष झुकाव था यह एक गणितज्ञ भी थे।