पंचतत्व – आकाश , वायु , अग्नि , जल और पृथ्वी।
पंच देव – सूर्य, शिव , विष्णु , गणेश और शक्ति।
पंचकन्या -अहिल्या , द्रौपदी , तारा, कुंती और मंदोदरी।
पाँच ज्ञानेंद्रियां – आंख , कान , नाक, जीभ और त्वचा।
पंचकर्म इंद्रियां – हाथ , पैर , मुंह , गुदा और लिंग।
पाँच विकार – काम , क्रोध , मोह , लोभ और मद(अभिमान)।
पाँच अमृत(गौ) – दूध , दही , घी , शहद और शक्कर।
पाँच रत्न – सोना , चांदी , तांबा , मूंगा और मोती।
पाँच पल्लव(पत्ते) – बरगद , गूलर , पीपल , आम और पिलखन का पत्ता।
शरीर में वायु की पाँच गतियां – प्राण , उदान , अपान , समान और व्यान वायु।
पंच कर्म (शरीर शुद्धि के लिए) – नेति , धौति , कुंजल , नौली और बस्ति।
पंच धर्म पथ – व्रत , सेवा , दान , यज्ञ और धर्म प्रचार।
पंच देव – सूर्य, शिव , विष्णु , गणेश और शक्ति।
पंचकन्या -अहिल्या , द्रौपदी , तारा, कुंती और मंदोदरी।
पाँच ज्ञानेंद्रियां – आंख , कान , नाक, जीभ और त्वचा।
पंचकर्म इंद्रियां – हाथ , पैर , मुंह , गुदा और लिंग।
पाँच विकार – काम , क्रोध , मोह , लोभ और मद(अभिमान)।
पाँच अमृत(गौ) – दूध , दही , घी , शहद और शक्कर।
पाँच रत्न – सोना , चांदी , तांबा , मूंगा और मोती।
पाँच पल्लव(पत्ते) – बरगद , गूलर , पीपल , आम और पिलखन का पत्ता।
शरीर में वायु की पाँच गतियां – प्राण , उदान , अपान , समान और व्यान वायु।
पंच कर्म (शरीर शुद्धि के लिए) – नेति , धौति , कुंजल , नौली और बस्ति।
पंच धर्म पथ – व्रत , सेवा , दान , यज्ञ और धर्म प्रचार।