चिंता से मुक्ति के 10 उपाय

चिंता चिता समान अर्थात चिंता ग्रस्त व्यक्ति मृतक (ना उम्मीद) के समान होता है। चिंता एक धीमा जहर है जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, आर्थिक और सामाजिक रूप से धीरे धीरे कमजोर कर देता…

आनुवंशिकीय रोग(Genetic disease)

विवाह से पूर्व संतति के स्वास्थ्य के लिए परिवारों की आनुवंशिकी का अध्ययन करना हितकर है।इस प्रकार का परिवार अध्ययन सन्तती को घातक बीमारियों से बचा सकता है। रिश्तेदारों में विवाह संबंध खतरनाक अनुवांशिक बीमारियों…

आत्म उत्थान के सात आयाम

हमारा प्रथम और अंतिम प्रेम- आत्म प्रेम होता है। "खुदी को कर बुलंद इतना के हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।" आत्म उत्थान, आत्मबल, आत्म कल्याण, आत्म हित,…

विवाह – प्रकार व नियम (शास्त्रोनुसार)

हिंदू मान्यताओं के अनुसार शादी एक धार्मिक संस्कार है। इसे एक पवित्र बंधन माना जाता है। शादी के पश्चात ही व्यक्ति गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करता है। मनुस्मृति के अनुसार व्याह कई प्रकार के होते हैं। प्रथम चार प्रकार के गठबंधन उच्च कोटि…

अंको का रहस्य( अंक शास्त्र )

यूनानी दार्शनिक पैथागोरस एक महान अंक शास्त्री था। उनका विश्वास था कि अंको में एक महान शक्ति छिपी है। अंको की लीला बहुत विचित्र है।अंको का आरंभ शुन्य से होता है, ये शुन्य में ही…

लक्ष्य/ Goal निर्धारण क्या करें/ क्या न करें
सामान्य जानकारी

लक्ष्य/ Goal निर्धारण क्या करें/ क्या न करें

जो धुन के पक्के होते हैं वह जरूर सफल होते हैं। दृढ़ विश्वास के द्वारा दुर्गम पथ को भी सुगम बनाया जा सकता है। व्यक्ति को अपना लक्ष्य, अपना आदर्श हमेशा प्रकाशमान रखना चाहिए उसे…

सफल व असफल लोगों में अंतर

मानव का दानव होना उसकी असफलता है ,  मानव का महामानव होना चमत्कार है ,  मानव का मानव होना उसकी सफलता है। डॉ० राधा कृष्ण महापुरुषों द्वारा सफलता के लिए दर्शाए कुछ सूत्र - सफलता…

उपवेद , सूत्र ग्रंथ और ब्राह्मण ग्रंथ में अंतर
difference सामान्य जानकारी

उपवेद , सूत्र ग्रंथ और ब्राह्मण ग्रंथ में अंतर

आर्य समाज की संपूर्ण बौद्धिक, धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक व नैतिक जानकारी का स्रोत विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथ है, जिन्हें वेद कहा जाता है। इन वेदों के अतिरिक्त भी वैदिक साहित्य में बहुत सारे ग्रंथ…

सभ्यता और संस्कृति में अंतर
difference सामान्य जानकारी

सभ्यता और संस्कृति में अंतर

प्राय: सभ्यता और संस्कृति को एक ही मान लिया जाता है, परंतु इनमें गहरा भेद है। सभ्यता में मनुष्य के जीवन का भौतिक पक्ष प्रधान है अर्थात सभ्यता का अनुमान भौतिक सुख-सुविधाओं से लगाया जाता…

जय और विजय में अंतर

हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करें। दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें।प्रार्थना । जय और विजय एक दूसरे के पूरक है। जहां विजय है, वहां जय-जयकार होगा ही। जय - जय एक संयुक्त प्रयास,…